Vedic Civilization: History of Aryan

वैदिक कालीन सभ्यता और आर्यो का इतिहास (vedic Civilization)

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It’s our next lesson on History. In this article of ‘StudyOnline’ you will learn about vedic civilization and history of Aryan where they live how they came to india, their social, economical and religious life.
स काल का प्रारम्भ 1500 ई.पू माना जाता है। आर्य लोग मध्य एशिया में कैस्पियन सागर के आसपास के क्षेत्र में रहते थे (कई इतिहासकारों ने उनके मूल स्थान के बारे में विभिन्न सिद्धांत दिए हैं)। मध्य एशियाई सिद्धांत मैक्स मुलर की देन है। उन्होंने लगभग 1500 ईसा पूर्व खैबर दर्रे (हिंदुकुश पर्वत) के माध्यम से भारत में प्रवेश किया।

प्रारंभिक वैदिक या ऋग्वैदिक काल

राजनीतिक संगठन

समाज मे राजतंत्रीय की व्यवस्था थी। जाती समूह को जन और राजा को राजन कहा जाता था।

परिवार समाज की मूल इकाई था। परिवार स्वभावतः पितृसत्तात्मक था।

अर्थव्यवस्था

आर्यों ने मिश्रित अर्थव्यवस्था- पशुपालन और कृषि किया करते थे । जिसमें मवेशियों ने प्रमुख भूमिका निभाई थी। विनिमय की मानक इकाई गाय थी। उस समय सिक्के का प्रचलन भी था।

धार्मिक जीवन

आर्य प्राकृतिक शक्तियों की पूजा किया करते थे। और उन्हें जीवित प्राणी के रूप में देखते थे । देवताओ में इंद्र प्रमुख स्थान रखते थे।


अंतिम वैदिक काल 600 ई.पू.

राजनीतिक संगठन

छोटे आदिवासी बस्तियों को मजबूत राज्यों में बदल दिया गया था।

सामाजिक व्यवसाय के आधार पर समाज को चार भागो में बाट दिया गया था जो बाद में वंशानुगत हो गया: ब्राह्मण (पुजारी), क्षत्रिय (योद्धा), वैश्य (कृषक, पशुपालक, व्यापारी) और शूद्र (ऊपरी तीन के सेवक)। इस युग में पहली बार गोत्र व्यवस्था देखने को मिलती है।

धार्मिक जीवन

इंद्र और अग्नि ने अपना महत्व खो दिया था । प्रजापति (निर्माता) सर्वोच्च बन गया था । विष्णु को लोगों के संरक्षक और रक्षक के रूप में देखा जाने लगा।

वैदिक साहित्य

वेद शब्द मूलतः ‘विदि’ से आता है, जो ज्ञान को दर्शाता है। वे सभी चार हैं- ऋग्वेद, सामवेद, यजुर वेद और अथर्ववेद।

ऋग्वेद: –

यह दुनिया का सबसे पुराना धार्मिक ग्रंथ है । इसमें 1,028 श्लोक शामिल हैं और इसे 10 मंडलो में विभाजित किया गया है। तीसरे मंडल में गायत्री मंत्र जो विश्वामित्र द्वारा लिखी गयी है। गायत्री मंत्र देवी सावित्री को समर्पित किया गया है।

सरस्वती नदी की पूजा की जाती थी।
सामवेद: –

यह मूलतः ‘समन’ शब्द से व्युत्पन्न है जिसका अर्थ ‘माधुर्य’ होता है । यह धुनों का एक संग्रह है।

यजुर वेद: –

बलिदान के प्रदर्शन के लिए प्रक्रिया से संबंधित है।

अथर्ववेद:

ज्यादातर जादू ,लोगों की व्यक्तिगत समस्याओं को दूर करने के लिए की जाती थी।

उपनिषद

इसे वेदांत भी कहा जाता है । वे भारतीय दर्शन के मुख्य स्रोत हैं, यह संख्या में 108 हैं।

स्मृतिया

वैदिक कालीन लोगो के जीवन के नियम और कानून हैं।

दर्शन शास्त्र

भारतीय दर्शन के 6 शास्त्र हैं जिन्हें दर्शन के रूप में जाना जाता है।
ये प्राचीन भारत के 6 दार्शनिकों की देन हैं:
न्याय दर्शन: गौतम ऋषि
वैशेषिक दर्शन: कणाद ऋषि (परमाणु को कण / अनु कहा जाता है)।
सांख्य दर्शन: कपिल मुनि
योग दर्शन: पतंजलि
पूर्वा मीमांसा: जैमिनी
उत्तरा मीमांसा: महर्षि व्यास (महाभारत, वेद का वर्गीकरण, पुराणों की रचना, वेदांत दर्शन दिए)।

महाकाव्य

महर्षि व्यास द्वारा रचित महाभारत को रामायण से भी पुराना महाकाव्य माना जाता है और यह दसवीं शताब्दी ईसा पूर्व से चौथी शताब्दी ईस्वी तक की अवधि का वर्णन करता है। इसे जयसमहिता और सतसहाश्री संहिता भी कहा जाता है और इसमें एक लाख श्लोक हैं।
रामायण के लेखक वाल्मीकि है।

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Hai, I am Avinash Prasad from Kolkata. I have7 years working experience in teaching field. cleared many Government Jobs exams - WBPTET, SBI Clerk, WBPSC Clerk, SSC CGL 2017, SSC CHSL, SSC MTS, Railway ALP & Technicians and RRB NTPC.

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